THE FACT ABOUT NAAT LYRICS ALA HAZRAT THAT NO ONE IS SUGGESTING

The Fact About naat lyrics ala hazrat That No One Is Suggesting

The Fact About naat lyrics ala hazrat That No One Is Suggesting

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naat sharif lyricsls

बच्चों का दुख है सीने में, फ़िक्र-ए-हरम भी है

नबी की आमद से नूर फैला, फ़ज़ा-ए-शब पर निखार आया

रोया ग़िलाफ़-ए-का'बा पकड़ कर, अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर

उमर की जुर्अत पे जाऊँ क़ुरबाँ, थे क़ैसर-ओ-किस्रा जिन से लर्ज़ां

मैं पानी का प्यासा नहीं हूँ मेरा सर कटाने को दिल चाहता है वो शहर-ए-मोहब्बत जहाँ मुस्तफ़ा हैं वहीं घर बनाने को दिल चाहता है जो देखा है

ईद मुबारक शायरी

●जिन्हें है मुहम्मद की मिदहत की आदत नाते पाक हिंदी में लिखी

लब हमारे दुरूद पढ़ते हैं, दिल हमारे सलाम कहते हैं

मैं पानी का प्यासा नहीं हूँ मेरा सर कटाने को दिल चाहता है वो शहर-ए-मोहब्बत जहाँ मुस्तफ़ा हैं वहीं घर बनाने को दिल चाहता है जो देखा है

براہ کرم میرے پرچھونکی کچھ قطرے (مہربانی کے) بھی گرا دیں

अल्लाह अल्लाह ! हुज़ूर के गेसू, भीनी भीनी महकती वो ख़ुश्बू

मिटा दो जालियों पर निगाहें जमी हैं ग़ौस-उल-आ'ज़म हो, ग़ौस-उल-वरा हो नूर हो नूर-ए-सल्ले-'अला हो क्या बयाँ आप का मर्तबा हो ! दस्त-गीर और मुश्किल-कुशा हो आज दीदार अपना करा दो जालियों पर निगाहें जमी हैं फ़ासलों को ख़ुदा-रा ! मिटा दो जालियों पर निगाहें जमी हैं सुन रहे हैं वो फ़रियाद मेरी ख़ाक होगी

सरकार-ए-ग़ौस-ए-आ'ज़म ! नज़र-ए-करम, ख़ुदा-रा मेरा ख़ाली कासा भर दो, मैं फ़क़ीर हूँ तुम्हारा सब का कोई न कोई दुनिया में आसरा है मेरा ब-जुज़ तुम्हारे कोई नहीं सहारा मौला 'अली का सदक़ा, गंज-ए-शकर का सदक़ा मेरी लाज रख लो, या ग़ौस ! मैं मुरीद हूँ तुम्हारा झोली को मेरी भर दो, वर्ना कहेगी दुनिया ऐसे सख़ी का मँगता फिरता है मारा मारा मीराँ बने हैं दूल्हा, महफ़िल सजी हुई है सब औलिया बराती, क्या ख़ूब है नज़ारा ये 'अता-ए-दस्त-गीरी कोई मेरे दिल से पूछे वहीं आ गए मदद को, मैं ने जब जहाँ पुकारा ये अदा-ए-दस्त-गीरी कोई मेरे दिल से पूछे वहीं आ गए मदद को, मैं ने जब जहाँ पुकारा ये तेरा करम है मुर्शिद !

इमदाद कुन, इमदाद कुन, अज़ रंज-ओ-ग़म आज़ाद कुन दर दीन-ओ-दुनिया शाद कुन, या ग़ौस-ए-आ'ज़म दस्त-गीर ! इमदाद कुन, इमदाद कुन, अज़ बंदे ग़म आज़ाद कुन दर दीन-ओ-दुनिया शाद कुन, या ग़ौस-ए-आ'ज़म दस्त-गीर ! असीरों के मुश्किल-कुशा, ग़ौस-ए-आ'ज़म ! फ़क़ीरों के हाजत-रवा, ग़ौस-ए-आ'ज़म ! इमदाद कुन, इमदाद कुन, अज़ बंदे ग़म आज़ाद कुन दर दीन-ओ-दुनिया शाद कुन, या ग़ौस-ए-आ'ज़म दस्त-गीर ! गिरा है बलाओं में बंदा तुम्हारा मदद के लिए आओ, या ग़ौस-ए-आ'ज़म ! इमदाद कुन, इमदाद कुन, अज़ बंदे ग़म आज़ाद कुन दर दीन-ओ-दुनिया शाद कुन, या ग़ौस-ए-आ'ज़म दस्त-गीर !

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